जमीन पर पैर | Akbar Birbal | Hindi Kahaniya | Kahaniya
एक दिन बादशाह अकबर दरबार में बैठे कुछ जरूरी काम काज निपटा रहे थे bhoot ki kahani की तभी एक सेवक ने आकर रानी का सन्देश उन्हें दिया की वह तुरंत उनसे मिलना चाहती हैं |
बादशाह दरबार की कार्यवाही बीच में छोड़कर उठना तो नहीं चाहते थे लेकिन कही बेगम की नाराजगी न झेलनी पड़ जाये pariyon ki kahani यह सोचकर उन्होंने जाने में ही अपनी भलाई समझी |
जब अकबर दरबार छोड़कर जाने लगे तो सभी ने उनके सामने सर झुकाया | बीरबल ने भी ऐसा ही किया लेकिन तब उसके होंठो पर अजीब सी मुस्कुराहट थी jadui chakki जो बादशाह की नजरो से छिपी न रह सकी उन्होंने इसे अपना अपमान समझा |
गुस्से में आकर उन्होंने उसी समय बीरबल को देश निकाले की सजा सुना दी jadui machli और यह भी कहा की यदि उनकी जमीन पर पैर भी रखा तो उसे सजा ऐ मौत दी जाएगी |
बीरबल ने बादशाह के हुक्म का पालन करते हुए देश छोड़ दिया |
बीरबल को गए काफी समय हो गया था jadui kahani और इधर बादशाह का गुस्सा भी शांत हो चला था अब उन्हें बीरबल की कमी खलने लगी थी बीरबल को खोजने के लिए उन्होंने देश के हर कोने में सैनिक दौड़ा दिए |
| एक दिन बादशाह अकबर अपने महल के परकोटे पर खड़े थे | तभी उन्हें एक घोडा गाड़ी महल की और आती दिखाई दी | Moral Stories in Hindi ध्यान से देखने पर पता चला की उस गाड़ी में बीरबल बैठा हैं बीरबल को देख पहले तो अकबर प्रसन्न हुए फिर अचानक ही उन्हें गुस्सा आ गया baccho ki kahani उन्हें लगा की बीरबल ने उनके आदेश का उलघंन किया हैं गाड़ी के पास जाकर गुस्से भरे स्वर में बोले बीरबल अनुमति के बिना तुमने हमारी मिटटी पर कदम रखने की जरूरत कैसे की |
गुस्ताखी माफ़ करे हुजूर बीरबल बोला जिस दिन मुझे अपने देश निकाला दिया थे में उसी दिन नेपाल चला गया थे pari ki kahani मेरी इस गाड़ी के फर्श पर नेपाल की मिटटी बिछी हैं और इसी पर पैर रखे हैं मेरे पैर आपके हुक्म के बिना आपकी मिटटी पर भला में कैसे कदम रख सकता हु chudain ki kahani में इस गाड़ी से कभी निचे नहीं उतरता पैर नहीं रखता जमीन पर |
बीरबल की यह चतुराई भरा उत्तर सुन बादशाह मुस्कुरा दिए और उसे अगले दिन से दरबार में हाजिर रहे को कहा |
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