डॉ विक्रम साराभाई | Motivational Stories | Vikram Sarabhai ISRO | Hindi Kahaniya
Dr Sarabhai - एक बार की बात हैं एक दिन चैनई के समंदर के किनारे पर एक सज्जन व्यक्ति निचे धोती और उप्पर शाल पहन कर शांति से भगवत गीता पढ़ रहे थे |
तभी घूमते घूमते एक नौजवान लड़का आता हैं और उन सज्जन को भगवत गीता पढ़ते देखता हैं | तो उनको बोलता हैं की आज साइंस का जमाना हैं |
और आप लोग अब भी ऐसी किताबे पढ़ रहे हो | एक बार इन को छोड़ कर देखो जमाना चाँद पर पहोच गया हैं और एक तरफ आप जैसे लोग भगवत गीता और रामायण पर ही अटके हुए हो |
और आप लोग अब भी ऐसी किताबे पढ़ रहे हो | एक बार इन को छोड़ कर देखो जमाना चाँद पर पहोच गया हैं और एक तरफ आप जैसे लोग भगवत गीता और रामायण पर ही अटके हुए हो |
सज्जन उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए बोलते हैं, आप इस भगवत गीता के बारे में क्या जानते हो ?
वह लड़का जोश में अकड़ कर बोलता हैं........ अरे साहब छोडो में विक्रम सारा भाई संसथान का स्टूडेंट हु I am a Scientist यह आपकी भगवत गीता रामायण सब बेकार हैं हम सब के लिए |
doctor vikram sarabhai in hindi
उसकी बात सुनकर वे सज्जन हसने लग जाते हैं, तभी वह चार बड़ी बड़ी गाड़िया आती हैं और दो गाड़ी में से कुछ गार्ड्स निकलते और एक गार्ड्स एक गाड़ी का दरवाजा खोलता हैं और वे सज्जन बिना कुछ बोले उस गाड़ी में बैठ जाते हैं |
वह लड़का यह सब देखकर चौक जाता हैं और दौड़कर गाड़ी के पास जाता हैं और सज्जन से पूछता हैं सर आप कौन हो ?
वह सज्जन मुस्कुराते हुए बोलते हैं में विक्रम सारा भाई हु |
यह सुनकर लड़के को ४४० वाल्ट का झटका लगता हैं |
और यह जो लड़का और कोई नहीं डाक्टर अब्दुल कलाम थे |
इस भगवत गीता को पढ़कर ही डाक्टर अब्दुल कलाम ने आजीवन मांस ना खाने की कसम खाई थी |
गीता एक महाविज्ञान हैं |
यह भी पढ़े
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.