10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा |10 महान राजवंश जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ था
10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ :- हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब ? आपका फिर हाजिर हैं, एक नई ऐतिहासिक स्टोरी के साथ। दोस्तों अगर आप Google पर अगर 10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह आये हो।
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भारत महान शासकों का देश रहा है। अलग-अलग काल में एक से बढ़कर एक राजाओं ने भारत पर राज किया है और आज हम आपके साथ ऐसे ही 10 शासकों की सूचि प्रस्तुत कर रहे है।
10 Great Kings of India की सूचि को शासक के द्वारा विस्तार किये गए राज्य की सीमा और उनका भारत की जनता और देश की संस्कृति पर जो असर हुआ है उसे ध्यान में रख कर बनाया गया है। और 10 Great Kings of India की सूचि में सामरिक क्षमता ही नहीं अपितु राजकुशलता और जनता के प्रति कल्याण भाव रखने वाले राजाओं को वरीयता दी है।
10 Great Kings of India की सूचि शासन काल के समय के अनुसार तैयार की है, यानि चुने गए सबसे पुराने शासक को सबसे पहले दिखाया गया है और बाद में आने वालों को बाद में। तो दोस्तों आज की यह ऐतिहासिक स्टोरी 10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ बहोत ही जबरदस्त और नॉलेज फुल होने वाली हैं | तो स्टोरी को पूरा पढ़े | 10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ ~ thekahaniyahindi |
10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ
1.Great Kings of India-अजातशत्रु- 491 BC
अजातशत्रु मगध पर राज्य करते थे और वह हर्यंका वंश से थे। उनके पिता सम्राट बिम्बिसार थे अजातशत्रु ने अपने पिता को बंदी बना कर सत्ता हासिल कर ली।
अजातशत्रु बुद्ध और महावीर के समय में हुए और उन्होने उन्हे पूर्ण रूप से संरक्षण दिया। अजातशत्रु ने वज्जी को हराकर वैशाली जैसे बडे राज्य पर नियंत्रण प्राप्त किया। अजातशत्रु ने अपने भाई जो की खोसला राज्य के राजा थे उन्हे हराकर खोसला पर भी अधिपत्य हासिल किया।
अजातशत्रु के समय में मगध मध्य भारत का एक बहुत की शक्तिशाली राज्य था।
अजातशत्रु के समय में मगध मध्य भारत का एक बहुत की शक्तिशाली राज्य था।
2.Great Kings of India - चन्द्रगुप्त मौर्य (340 BC)
मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्र गुप्त मौर्य को भारत के पहले अहम रजा के रूप में जाना जाता है, चाणक्य रुपी महान रणनीति कार को गुरु के रूप में पाने के बाद उन्होने अपना अभियान शुरु किया और 20 वर्ष की अल्प आयु में ही युद्ध जीतने शुरू कर दिए थे।
अलेक्जेंडर के भारत पर आक्रमण का विरोध करने में वह पूरी तरह सक्षम थे।
बालक के रूप में चन्द्र गुप्त मौर्य को चाणक्य ने तक्षशिला में देखा था, उन्हें बालक चन्द्र गुप्त मौर्य की प्रतिभा का भान हो गया और उन्होंने चन्द्रगुप्त को उत्तम शिक्षा दी।
बडे होने के बाद चन्द्र गुप्त मौर्य ने नन्द वंश का नाश करके अपना राज्य शुरू किया उन्होने मगध पर भी कब्ज़ा कर लिया और पश्चीम में ईरान तक अपना राज्य बढ़ा लिया। उस समय एलेग्जेंडर का सेनापति सेलुकास वहां राज्य करता था।
चन्द्र गुप्त मौर्य ने उसे युद्ध में हरा कर बहुत सा राज्य वापस ले लिया।
अलेक्जेंडर के भारत पर आक्रमण का विरोध करने में वह पूरी तरह सक्षम थे।
बालक के रूप में चन्द्र गुप्त मौर्य को चाणक्य ने तक्षशिला में देखा था, उन्हें बालक चन्द्र गुप्त मौर्य की प्रतिभा का भान हो गया और उन्होंने चन्द्रगुप्त को उत्तम शिक्षा दी।
बडे होने के बाद चन्द्र गुप्त मौर्य ने नन्द वंश का नाश करके अपना राज्य शुरू किया उन्होने मगध पर भी कब्ज़ा कर लिया और पश्चीम में ईरान तक अपना राज्य बढ़ा लिया। उस समय एलेग्जेंडर का सेनापति सेलुकास वहां राज्य करता था।
चन्द्र गुप्त मौर्य ने उसे युद्ध में हरा कर बहुत सा राज्य वापस ले लिया।
3.Great Kings of India - सम्राट अशोक ( 304 BC):
सम्राट अशोक महान एक ऐसे शासक थे जिनका राज्य अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक फैला हुआ था. उनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। सम्राट अशोक को भारत के इतिहास में सबसे शक्तिशाली राजा माना जाता है।
सम्राट अशोक मौर्य वंश के तीसरे शासक थे सम्राट अशोक अपने शुरूआती दिनों में बहुत ही कठोर शासक थे इसीलिए उन्हे चंड अशोक कहा जाता था।
परन्तु कलिंग युद्ध में लाखों लोगों की मृत्यु को देख कर उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया और उन्होने विस्तार का अपना अभियान छोड़ दिया. बुद्ध धर्म को विदेशों में फैलाने में सम्राट अशोक ने बहुत योगदान दिया। भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और झंडे का चक्र अशोक स्तम्भ से लिया गया है।
सम्राट अशोक मौर्य वंश के तीसरे शासक थे सम्राट अशोक अपने शुरूआती दिनों में बहुत ही कठोर शासक थे इसीलिए उन्हे चंड अशोक कहा जाता था।
परन्तु कलिंग युद्ध में लाखों लोगों की मृत्यु को देख कर उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया और उन्होने विस्तार का अपना अभियान छोड़ दिया. बुद्ध धर्म को विदेशों में फैलाने में सम्राट अशोक ने बहुत योगदान दिया। भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और झंडे का चक्र अशोक स्तम्भ से लिया गया है।
4. Great Kings of India - समुद्रगुप्त – चौथी शताब्दी
समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के वह राजा थे जिन्होने अपने पूरे जीवन काल में कभी कोई युद्ध नहीं हारा। अपने पुत्र विक्रमादित्य के साथ मिलकर उन्होने भारत के स्वर्ण युग की शुरुआत की।
समुद्रगुप्त ने ही मुद्रा का चलन शुरू किया और स्वर्ण मुद्राएँ बनवायीं। समुद्रगुप्त के राज्य में भारत का सांस्कृतिक उत्थान हुआ।
समुद्रगुप्त ने ही मुद्रा का चलन शुरू किया और स्वर्ण मुद्राएँ बनवायीं। समुद्रगुप्त के राज्य में भारत का सांस्कृतिक उत्थान हुआ।
5. Great Kings of India - राजा राजा चोला ( चोला वंश) 10वीं शताब्दी
दक्षिण में जितने राजा हुए हैं उनमे से सबसे ताकतवर थे राजा राजा चोला। राजा राजा चोला ने दक्षिण में अपना शासन बनाया और अपना प्रभाव श्रीलंका तक फैलाया। हिन्द महासागर के व्यावसायिक समुद्र मार्गों पर चोला वंश का प्रभाव साफ़ तौर पर था।
और उनकी अनुमति के बिना यहाँ को व्यापार नहीं कर सकता था। राजा राजा चोला ने 100 से ज्यादा मंदिर बनवाये जिनमे से सबसे उत्तम और ऐतिहासिक है- तंजोर का शिव मंदिर जो UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया जा चुका है।
और उनकी अनुमति के बिना यहाँ को व्यापार नहीं कर सकता था। राजा राजा चोला ने 100 से ज्यादा मंदिर बनवाये जिनमे से सबसे उत्तम और ऐतिहासिक है- तंजोर का शिव मंदिर जो UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया जा चुका है।
6. Great Kings of India - कृष्णदेवराय 1509- 1530
दक्षिण के महान राजा कृष्णदेवराय विजयनगर के शासक थे कृष्णदेवराय ने दक्षिण भारत में मुग़ल शासन की बढ़त को रोक दिया और बहुत से मंदिर बनवाये।
कृष्णदेवराय तुलुव वंश के तीसरे शासक थे उन्होने गोलकोंडा के सुल्तान और ओडिशा के राजा को परस्त कर के अपने राज्य का विस्तार किया। कृष्णदेवराय को उस समय के सबसे ताकतवर हिन्दु राजाओं में माना जाता है।
उनके प्रभाव के कारण बाबर ने कृष्णदेवराय के राज्य पर आक्रमण नहीं किया।
उनके प्रभाव के कारण बाबर ने कृष्णदेवराय के राज्य पर आक्रमण नहीं किया।
7. Great Kings of India - महाराणा प्रताप 1540-1597 (मेवाड़ वंश- राजपूत शासक)
मुग़ल काल में जब राजपुताना के अन्य शासकों ने मुगलों से संधी कर ली थी तब मेवाड़ की भूमि पर जिस सूर्य का उदय हुआ उसका नाम था प्रताप।
माता से मेवाड़ी परंपरा और शौर्य की गाथा सुनकर महाराणा प्रताप का मन बचपन से ही मातृभूमि की भक्ति में लग गया और उन्होने अपना जीवन राष्ट्र, कुल और धर्मं की रक्षा के लिए अर्पित कर दिया।
अकबर से पराजित होने और जंगलों में भटकने के बाद भी महाराणा प्रताप सहास नहीं टूटा और महाराणा प्रताप ने चित्तौड़गढ़ वापस प्राप्त किया और राजपूतों की शान फिर से बढाई।
महाराणा प्रताप ने प्रण लिया था की जब तक वह चित्तौड़गढ़ वापस नहीं लेंगे तब तक ना पलंग पर सोयेंगे और ना सोने की थालियों में खायेंगे। उन्होने अपने कर्म के लिए राज्य सुख का उपभोग त्याग दिया था।
8. Great Kings of India - अकबर ( 1556-1605)
अकबर मुग़ल वंश के तीसरे शासक थे. उनका शासन गोदावरी नदी के उत्तर में लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था। अकबर ही एक ऐसा राजा था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोगों से बराबर स्नेह और सम्मान मिला।
विशाल मुगल राज्य को एकजुट करने के लिए, अकबर ने अपने साम्राज्य भर में प्रशासन की एक केंद्रीकृत प्रणाली की स्थापना की और हारे हुए राजाओं के यहाँ शादी की कूटनीति द्वारा संभावित विद्रोह को ख़त्म किया।
विशाल मुगल राज्य को एकजुट करने के लिए, अकबर ने अपने साम्राज्य भर में प्रशासन की एक केंद्रीकृत प्रणाली की स्थापना की और हारे हुए राजाओं के यहाँ शादी की कूटनीति द्वारा संभावित विद्रोह को ख़त्म किया।
9. Great Kings of India- शिवाजी महाराज 1660-1680(मराठा शासन )
शिवाजी शाहजी भोसले मराठा शासन के बहुत ही लोकप्रिय और सफल शासक हुए। उन्होने बहुत ही कम उम्र से गुरिल्ला युद्ध कला में महारथ हासिल कर ली थी। छोटी उम्र से ही शिवाजी मे देशभक्ति की असीम भावना थी और शिवाजी को मुग़ल शासक बिलकुल भी पसंद नहीं थे। शिवाजी एक कुशल नेता, सफल राजनितिक और चतुर रणनीतिकार थे।
शिवाजी अपने उत्तम समय में उनके पास एक लाख से भी ज्यादा सैनिक मौजूद थे। शिवाजी ने अपनी युद्धकला के नियम अपनी शिवाजी सूत्र में लिखे है। शिवाजी ने राजकाज के काम के लिए पर्सियन भाषा की जगह मराठी और संस्कृत का उपयोग करने का नियम बनाये।
10. Great Kings of India - महाराजा रणजीत सिंह (सिख शासक) 1780-1839
सिख शासन की शुरुवात करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने उन्नीसवी सदी में अपना शासन शुरू किया, महाराजा रणजीत सिंह का शासन पंजाब प्रान्त में फैला हुआ था और उन्होने दल खालसा नामक एक संगठन का नेतृत्व किया था।
उन्होने छोटे गुटों में बंटे हुए सिखों को एकत्रित किया। उनके बाद उनके पुत्र खड़ग सिंह ने सिख शासन की कमान संभाली।
उन्होने छोटे गुटों में बंटे हुए सिखों को एकत्रित किया। उनके बाद उनके पुत्र खड़ग सिंह ने सिख शासन की कमान संभाली।
महाराजा रणजीत सिंह ने मिसलदार के रूप में अपना लोहा मनवा लिया था और अन्य मिसलदारों को हरा कर अपना राज्य बढ़ाना शुरू कर दिया था। पजाब क्षेत्र के सभी इलाकों में उनका कब्ज़ा था पूर्व में अंग्रजों के और पश्चिम में दुर्रानी के राज्य के बीच में उनका राज्य था।
महाराजा रणजीत सिंह ने पुरे पुजाब को एक किया और सिख राज्य की स्थापना की। महाराजा रणजीत सिंह ने अफगानों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं और पेशावर समेत पश्तून क्षेत्र पर अधिकार कर लिया।
ऐसा पहली बार हुआ था कि पश्तूनो पर किसी गैर मुस्लिम ने राज किया हो। उसके बाद उन्होंने पेशावर, जम्मू कश्मीर और आनंदपुर पर भी अधिकार कर लिया। ब्रिटिश इतिहासकार जे टी व्हीलर के अनुसार, अगर वे एक पीढ़ी पुराने होते, तो पूरे भारत को जीत लेते।
ऐसा पहली बार हुआ था कि पश्तूनो पर किसी गैर मुस्लिम ने राज किया हो। उसके बाद उन्होंने पेशावर, जम्मू कश्मीर और आनंदपुर पर भी अधिकार कर लिया। ब्रिटिश इतिहासकार जे टी व्हीलर के अनुसार, अगर वे एक पीढ़ी पुराने होते, तो पूरे भारत को जीत लेते।
दोस्तों, तो ये थी भारत के प्रभावशाली 10 Great Kings of India | भारत के 10 सबसे महान राजा जिनसे भारत का इतिहास प्रभावित हुआ की सूचि। निश्चित रूप से भारत ने कई अन्य महान राजाओं का शासन देखा है और सम्भव है कि कुछ मायनों में वे यहाँ दिए गए राजों की सूचि से बेहतर हों।
यदि आप उनके बारे में हमें बताना चाहते हैं तो कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं।
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धन्यवाद
tags - Ancient Kings of India, Indian Dynasties Timeline, Indian History Dynasty Chart,
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