भूतिया Restaurant की अनसुनी कहानी-Bhoot Pret ki Kahani कमजोर दिल वाले ना पढ़े
भूतिया Restaurant की अनसुनी कहानी-Bhoot Pret ki Kahani कमजोर दिल वाले ना पढ़े :- हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब ? आपका फिर हाजिर हैं, एक नई भूतिया स्टोरी के साथ। दोस्तों अगर आप Google पर अगर Bhoot Pret ki Kahani Hindi सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह आये हो।
भूतिया Restaurant की अनसुनी कहानी में हम आपको ऐसे रहस्य की सैर कराने जा रहे हैं, जिसमें प्रवेश करने के बाद लोग थर-थर कांप ने लगते हैं। ऐसा माहौल जिसमें डर लगना तो पक्का है, क्योंकि इस रेस्त्रां में इंसान नहीं भूत भोजन परोसते हैं और भोजन लाशों के बीच में होता है। चौंकिये नहीं, असल में हम बात कर रहे हैं दुनिया के अजब गजब रेस्त्रां में शामिल स्पेन के ला मासिया एंकांटडा की।
Bhoot Pret Ki Sacchi Ghatna
भूतिया Restaurant की अनसुनी कहानी-Bhoot Pret ki Kahani कमजोर दिल वाले ना पढ़े |
इस रेस्त्रां का कॉनसेप्ट असल में इसके इतिहास से प्रेरित है। इतिहास- 17वीं सेंचुरी में जोसफ मा रिएस ने मासिया और सुरोका ने मासिया सेंटा रोज़ा बनवाया। लेकिन आगे चलकर संपत्ति पर पारिवारिक विवाद हो गया। एक दिन सुरोका और रिएस ने कार्ड उछाल कर अपनी किसमत तय की। रिएस सारी संपत्ति हार गये। उनके परिवार ने घर छोड़ दिया और परिवार ने नई संपत्ति खड़ी की। देखते ही देखते यह इमारत खंडहर में तब्दील हो गई।
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दो सदियों तक वीरान पड़ी रही इमारत में सुरोका के वंशजों ने 1970 में एक रेस्त्रां बनाया। उनका परिवार मानता था कि इस इमारत को कोई शाप लग गया है, लिहाजा वहीं से उनके दिमाग में बात आयी कि क्यों न रेस्त्रां को हॉन्टेड रेस्त्रां के रूप में चलाया जाये। बस तब से लेकर आज तक ये रेस्त्रां हॉन्टेड रेस्त्रां के रूप में चल रहा है।
Sacchi Bhutiya Ghatna
और भी हैं अजब-गजब रेस्त्रां यहां पर भूतों के वेश में वेटर भोजन परोस्ते हैं और भोजन का समय निर्धारित है। निर्धारित समय पर जब ग्राहक पहुंचते हैं, तो उनका स्वागत खून से सने चाकू, तलवार या हसिये से किया जाता है। आगे बढ़ते ही पंजा, या नकली लाशें जो देखने में एकदम असली हैं, लटकी मिलती हैं। भोजन करते वक्त ग्राहकों के लिये एक शो का संचालन किया जाता है, जिसे देखना हर किसी के बस की बात नहीं।
उम्मीद हैं दोस्तों आज की कहानी भूतिया Restaurant की अनसुनी कहानी आप लोगो को जरूर पसंद आएगी तो कहानी को लास्ट तक पढ़े।
नोट -: कृपया बच्चे नहीं पढ़े।
Bhoot Pret रेस्त्रां (Restaurant) की कुछ महत्वपूर्ण बातें | Bhoot Pret ki Sachi Kahani in Hindi
Sacchi Bhutiya Kahani
रेस्त्रां में तीन घंटे का भोजन
रेस्त्रां में एक शो तीन घंटे का होता है यानी आपका भोजन भी तीन घंटे तक चलता है। इसमें तरह-तरह के भूत-प्रेत के वेश में लोग आपका मनोरंजन करने के साथ-साथ कुछ अलग परोसने की कोशिश करते हैं, जिनसे आप निश्चित रूप से डर जायेंगे।
आप पढ़े रहे हैं - Bhoot Pret ki Sachi Kahaniyan in Urdu
दिल के मरीज व प्रगनेंट महिलाएं नहीं
Darawni Kahani in Hindi Language
इस रेस्त्रां में दिल के मरीजों, अस्थमा के मरीजों और प्रेगनेंट महिलाओं को भोजन करना मना है, क्योंकि डर के कारण दिल व अस्थमा के मरीजों की तबियत बिगड़ सकती है, वहीं गर्भ के अंदर बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। साथ ही विकलांगों का प्रवेश भी वर्जित है।
14 साल से नीचे का प्रवेश प्रतिबंधित
इस रेस्त्रां में 14 साल से नीचे के बच्चों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। ऐसा इसलिये क्योंकि हॉरर शो से वो डर सकते हैं।
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ग्राहक भी शो का हिस्सा
Bhoot Story
खास बात यह है कि इस हॉरर शो में ग्राहक महज मूक दर्शक बनकर नहीं बैठ सकता। वो दुख भी डरावनी कहानियों का हिस्सा बन जाते हैं, जिस वजह से डर तो लाजमी है।
डराने के लिये जरूरी है, कि कुछ ऐसा हो, जो विस्मयकारी लगे, लिहाजा यहां जादूगर का जादू भी प्रस्तुत किया जाता है, जो पूरी तरह हॉन्टेड होता है।
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इस रेस्त्रां में बुकिंग करते वक्त ही आपको समय दे दिया जाता है। खास बात यह है कि जैसे ही आप रेस्त्रां में प्रवेश करेंगे, वैसे ही शो शुरू हो जायेगा जो डराने के लिये काफी है। रेस्त्रां में मोबाइल लेजाना मना है।
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रेस्त्रां में 60 सीटें
रेस्त्रां में कुल 60 सीटें हैं, लेकिन शो तभी आयोजित किया जाता है, जब कम से कम 35 लोग डिनर या लंच करने आयें। रेस्त्रां में प्रवेश बुकिंग के आधार पर ही दिया जाता है। रेस्त्रां की टेबल-चेयर व इंटीरियर इस तरह बनाया गया है, जैसे कोई भूतों का अड्डा हो।
यहां पर भूतों के वेश में वेटर भोजन परोस्ते हैं और भोजन का समय निर्धारित है। निर्धारित समय पर जब ग्राहक पहुंचते हैं, तो उनका स्वागत खून से सने चाकू, तलवार या हसिये से किया जाता है।
लाशों के बीच भोजन
आगे बढ़ते ही पंजा, या नकली लाशें जो देखने में एकदम असली हैं, लटकी मिलती हैं। भोजन करते वक्त ग्राहकों के लिये एक शो का संचालन किया जाता है, जिसे देखना हर किसी के बस की बात नहीं।
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