नर पिशाच की कहानी खौफनाक दास्तान - Aatma ki Kahani
नर पिशाच की कहानी खौफनाक दास्तान - Aatma ki Kahani - हम मानव भले ही खुद पर कितना इतराएं, अपनी उपलब्धियों पर कितना ही गर्व कर लें। लेकिन कोई ऐसा है जो जानता है कि ये उपलब्धियां हमारी अपनी नहीं हैं।
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हम अपनी जिस बनावट पर गर्व करते हैं वो हमारी नहीं है। आपको भले ही यह जानकर हैरानी हो लेकिन बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि हम इंसान इस धरती की प्राकृतिक प्रजाति नहीं हैं।
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हमें एलियन के डीनए से विकसित किया गया है. यह सब जानने के बाद आप जरूर यह भी सोच रहे होंगे कि अगर मनुष्य, जो धरती को अपना मानता है वही इस धरती का अपना नहीं है तो फिर कौन है जो इस धरती का प्राकृतिक जीव है, जिसका उद्भव इसी धरती पर हुआ है?
नर पिशाच की कहानी खौफनाक दास्तान - Aatma ki Kahani
यती, येती या योवी, चाहे आप इसे जिस भी नाम से पुकार लें लेकिन विशेषज्ञों का एक समूह यह दावा करता है कि यही इस धरती का प्राकृतिक जीव है, सिर्फ इसी ने ही धरती पर जन्म प्राकृतिक अवस्था में जन्म लिया था और इंसानों की वजह से वह खुद ऐसी जगहों पर रहने के लिए विवश है जहां उसे कोई देख नहीं सकता।
यति का शारीरिक ढांचा आम मनुष्य जैसा ही है लेकिन उनका कद और आकार काफी विशाल होता है, इतना ही नहीं उनके शरीर पर लंबे-घने बाल भी होते हैं और कुछ तो यह भी मानते हैं कि इनके पास जादुई ताकतें भी होती हैं।
यति का शारीरिक ढांचा आम मनुष्य जैसा ही है लेकिन उनका कद और आकार काफी विशाल होता है, इतना ही नहीं उनके शरीर पर लंबे-घने बाल भी होते हैं और कुछ तो यह भी मानते हैं कि इनके पास जादुई ताकतें भी होती हैं।
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इंसानों की वजह से आज वह ऐसे जंगलों और कंदराओं में रहने के लिए विवश है जहां कोई आता-जाता नहीं है।
वर्तमान समय में इन्हें बिगफुट के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि शरीर का आकार बड़ा होने के कारण इनके पैर के पंजे भी बहुत बड़े होते हैं. किसी ने भी यति को देखा नहीं है लेकिन उसके पैर के निशान कई बार पाए गए हैं, लेकिन फिर भी कोई भी वैज्ञानिक या शोधकर्ता बिगफुट के इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए हैं.
भारत में येति को हिममानव भी कहा जाता है क्योंकि इसके बड़े-बड़े पैरों के निशानों को हिमालय की बर्फ से लदी चोटियों पर देखा गया है। वह उसके रहने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है। येति का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी देखने को मिला है। दो प्रमुख वेदों ऋगवेद और सामवेद में येति का वर्णन किया गया है।
आधुनिक वैज्ञानिक भले ही इसे सही करार ना दें लेकिन प्राचीन समय में एलियन पर रिसर्च करने वाले शोधकर्ताओं का मानना था कि धरती पर आकर एलियन ने ऐसी मानव जाति बनाई जो देखने में सुंदर थी और साथ ही उनके शरीर पर ज्यादा बाल भी नहीं थे। इतना ही नहीं यति के व्यवहार में जानवरों की जो हरकतें हुआ करती थीं उन्हें भी एलियन्स ने मानव जाति से निकाल दिया।
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विभिन्न वैज्ञानिक शोधों से यह पता चला है कि येति ही धरती के असल जीव हैं जबकि इंसानों की पैदाइश एलियन ने की है। हालांकि कुछ यह भी मानते हैं कि यह भी हो सकता है कि शायद एलियंस जब धरती पर आए थे तो उन्होंने इंसानों और चिंपाजियों के जीन को मिलाकर एक नई प्रजाति विकसित की जिसे आज येति, यति या बिगफुट के तौर पर जाना जाता है।
वहीं कुछ लोग येति को ही एलियन का आविष्कार मानते हैं जिसे चिंपांजी और इंसानों के मिश्रित डीएनए से विकसित किया गया है और जिसे देखने और हाल जानने के लिए ही एलियन समय-समय पर धरती पर आते हैं।
अब सच क्या है यह तो अभी भी शोध का विषय है लेकिन यह बात तो सच है कि धरती पर हिममानव का वास है और वह अपने शत्रु इंसानों, जिन्होंने उसे ही गुप्त वास में रहने के लिए मजबूर किया, के विनाश का इंतजार कर रहा है।
धन्यवाद
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