Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories-18 | बेताल पच्चीसी (विध्या क्या नष्ट हो गई?)
Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | बेताल पच्चीसी :- हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब ? आपका फिर हाजिर हैं, एक नई भूतिया स्टोरी के साथ। दोस्तों अगर आप Google पर अगर Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | बेताल पच्चीसी सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह आये हो।
आप लोगो ने बहुत सी Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | बेताल पच्चीसी पढ़ी होंगी । पर में आज आप को बताना चाहता हु की ये कहानियां शुरू कहा से ओर किसने की । उसके बाद एक एक कर सारी कहानिया एक के बाद एक बताऊंगा।
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Bani Thani Kishangarh
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Bani Thani Kishangarh
Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | बेताल पच्चीसी में हम आपको विक्रम और बेताल के रहस्य मयी कहानियो की सैर कराने जा रहे हैं, जिसमें प्रवेश करने के बाद आप लोगो को जरूर Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | बेताल पच्चीसी की कहानियो का आनंद आएगा। तो कहानियो को पूरा पढ़े।
Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories - 18 | बेताल पच्चीसी (विध्या क्यों नष्ट हो गई?)
उज्जैन नगरी में महासेन नाम का राजा राज्य करता था। उसके राज्य में वासुदेव शर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था, जिसके गुणाकर नाम का बेटा था।
गुणाकर बड़ा जुआरी था। वह अपने पिता का सारा धन जुए में हार गया। ब्राह्मण ने उसे घर से निकाल दिया।
वह दूसरे नगर में पहुंचा। वहां उसे एक योगी मिला। उसे हैरान देखकर उसने कारण पूछा तो उसने सब बता दिया।
योगी ने कहा, ‘लो, पहले कुछ खा लो।’
गुणाकर ने जवाब दिया, ‘मैं ब्राह्मण का बेटा हूं। आपकी भिक्षा कैसे खा सकता हूं?’
इतना सुनकर योगी ने सिद्धि को याद किया। वह आई। योगी ने उससे आवभगत करने को कहा। सिद्धि ने एक सोने का महल बनवाया और गुणाकर उसमें रात को अच्छी तरह से रहा। सबेरे उठते ही उसने देखा कि महल आदि कुछ भी नहीं है।
उसने योगी से कहा, ‘महाराज, उस स्त्री के बिना अब मैं नहीं रह सकता।’
योगी ने कहा, ‘वह तुम्हें एक विद्या प्राप्त करने से मिलेगी और वह विद्या जल के अंदर खड़े होकर मंत्र जपने से मिलेगी। लेकिन जब वह लड़की तुम्हें मेरी सिद्धि से मिल सकती है तो तुम विद्या प्राप्त करके क्या करोगे?’
गुणाकर ने कहा, ‘नहीं, मैं स्वयं वैसा करूंगा।’
योगी बोला, ‘कहीं ऐसा न हो कि तुम विद्या प्राप्त न कर पाओ और मेरी सिद्धि भी नष्ट हो जाए!’
पर गुणाकर न माना। योगी ने उसे नदी के किनारे ले जाकर मंत्र बता दिए और कहा कि जब तू जप करते हुए माया से मोहित हो जाओगे तो मैं तुम पर अपनी विद्या का प्रयोग करूंगा।
उस समय तुम अग्नि में प्रवेश कर जाना।’
गुणाकर जप करने लगा। जब वह माया से एकदम मोहित हो गया तो देखता क्या है कि वह किसी ब्राह्मण के बेटे के रूप में पैदा हुआ है। उसका ब्याह हो गया, उसके बाल-बच्चे भी हो गए। वह अपने जन्म की बात भूल गया। तभी योगी ने अपनी विद्या का प्रयोग किया।
गुणाकर मायारहित होकर अग्नि में प्रवेश करने को तैयार हुआ। उसी समय उसने देखा कि उसे मरता देख उसके मां-बाप और दूसरे लोग रो रहे हैं और उसे आग में जाने से रोक रहे हैं।
गुणाकार ने सोचा कि मेरे मरने पर यह सब भी मर जाएंगे और पता नहीं कि योगी की बात सच हो या न हो।
इस तरह सोचता हुआ वह आग में घुसा तो आग ठंडी हो गई और माया भी शांत हो गई। गुणाकर चकित होकर योगी के पास आया और उसे सारा हाल बता दिया।
योगी ने कहा, ‘मालूम होता है कि तुम्हारे करने में कोई कसर रह गई।’
योगी ने स्वयं सिद्धि की याद की, पर वह नहीं आई। इस तरह योगी और गुणाकर दोनों की विद्या नष्ट हो गई।
इतनी कथा कह कर बेताल ने पूछा, ‘राजन्, यह बताओ कि दोनों की विद्या क्यों नष्ट हो गई?’
राजा बोला, ‘इसका जवाब साफ है। निर्मल और शुद्ध संकल्प करने से ही सिद्धि प्राप्त होती है।
गुणाकर के दिल में शंका हुई कि पता नहीं, योगी की बात सच होगी या नहीं। योगी की विद्या इसलिए नष्ट हुई कि उसने अपात्र को विद्या दी।’
राजा का उत्तर सुनकर बेताल फिर पेड़ पर जा लटका। राजा वहां गया और उसे लेकर चला तो उसने अगली कहानी सुनाई।
तो दोस्तों उम्मीद हैं आप लोगो को आज की कहानी Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | वेताल पच्चीसी में आप लोगो को पसंद आई तो कमेंट करके जरूर बताये और साथ ही दोस्तों Vikram Betal Story in Hindi | Vikram Betal Stories | वेताल पच्चीसी को Facebook, Twitter पर जरूर शेयर करे। आपके विचारो का हमारे यहाँ स्वागत हैं।
गुणाकर बड़ा जुआरी था। वह अपने पिता का सारा धन जुए में हार गया। ब्राह्मण ने उसे घर से निकाल दिया।
वह दूसरे नगर में पहुंचा। वहां उसे एक योगी मिला। उसे हैरान देखकर उसने कारण पूछा तो उसने सब बता दिया।
योगी ने कहा, ‘लो, पहले कुछ खा लो।’
गुणाकर ने जवाब दिया, ‘मैं ब्राह्मण का बेटा हूं। आपकी भिक्षा कैसे खा सकता हूं?’
इतना सुनकर योगी ने सिद्धि को याद किया। वह आई। योगी ने उससे आवभगत करने को कहा। सिद्धि ने एक सोने का महल बनवाया और गुणाकर उसमें रात को अच्छी तरह से रहा। सबेरे उठते ही उसने देखा कि महल आदि कुछ भी नहीं है।
उसने योगी से कहा, ‘महाराज, उस स्त्री के बिना अब मैं नहीं रह सकता।’
योगी ने कहा, ‘वह तुम्हें एक विद्या प्राप्त करने से मिलेगी और वह विद्या जल के अंदर खड़े होकर मंत्र जपने से मिलेगी। लेकिन जब वह लड़की तुम्हें मेरी सिद्धि से मिल सकती है तो तुम विद्या प्राप्त करके क्या करोगे?’
गुणाकर ने कहा, ‘नहीं, मैं स्वयं वैसा करूंगा।’
योगी बोला, ‘कहीं ऐसा न हो कि तुम विद्या प्राप्त न कर पाओ और मेरी सिद्धि भी नष्ट हो जाए!’
पर गुणाकर न माना। योगी ने उसे नदी के किनारे ले जाकर मंत्र बता दिए और कहा कि जब तू जप करते हुए माया से मोहित हो जाओगे तो मैं तुम पर अपनी विद्या का प्रयोग करूंगा।
उस समय तुम अग्नि में प्रवेश कर जाना।’
गुणाकर जप करने लगा। जब वह माया से एकदम मोहित हो गया तो देखता क्या है कि वह किसी ब्राह्मण के बेटे के रूप में पैदा हुआ है। उसका ब्याह हो गया, उसके बाल-बच्चे भी हो गए। वह अपने जन्म की बात भूल गया। तभी योगी ने अपनी विद्या का प्रयोग किया।
गुणाकर मायारहित होकर अग्नि में प्रवेश करने को तैयार हुआ। उसी समय उसने देखा कि उसे मरता देख उसके मां-बाप और दूसरे लोग रो रहे हैं और उसे आग में जाने से रोक रहे हैं।
गुणाकार ने सोचा कि मेरे मरने पर यह सब भी मर जाएंगे और पता नहीं कि योगी की बात सच हो या न हो।
इस तरह सोचता हुआ वह आग में घुसा तो आग ठंडी हो गई और माया भी शांत हो गई। गुणाकर चकित होकर योगी के पास आया और उसे सारा हाल बता दिया।
योगी ने कहा, ‘मालूम होता है कि तुम्हारे करने में कोई कसर रह गई।’
योगी ने स्वयं सिद्धि की याद की, पर वह नहीं आई। इस तरह योगी और गुणाकर दोनों की विद्या नष्ट हो गई।
इतनी कथा कह कर बेताल ने पूछा, ‘राजन्, यह बताओ कि दोनों की विद्या क्यों नष्ट हो गई?’
राजा बोला, ‘इसका जवाब साफ है। निर्मल और शुद्ध संकल्प करने से ही सिद्धि प्राप्त होती है।
गुणाकर के दिल में शंका हुई कि पता नहीं, योगी की बात सच होगी या नहीं। योगी की विद्या इसलिए नष्ट हुई कि उसने अपात्र को विद्या दी।’
राजा का उत्तर सुनकर बेताल फिर पेड़ पर जा लटका। राजा वहां गया और उसे लेकर चला तो उसने अगली कहानी सुनाई।
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धन्यवाद
Tags - vikram betal, vikram and betal, vikram betal serial, vikram betaal ki rahasya gatha
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